निलधर,ओज्यूँ रंग दे मेरी चुनड़ीयां
भरमल बीरो चुनड़ी रँगाई,बाई गवरां र दाय नहीं आई रे,
नीलधर, ओज्यूँ रंग दे,मेरी....
अला रंग दे,मेरा पला रंग दे,मेरे सिर पर
मोरिया की छाप रंग दे
,ओज्यूँ,रंग दे...
Bhajan that connects with spirituality...
श्री गिरिराजसुता की गोदी में खेलत गणेश सुमर लेवो गौरीनंदन को,भोग लगे मेवा चन्दन को भरे भण्डार सकल अन्न...
Aakhir Kyon भरमल बीरो चुनड़ी रँगाई बाई गवरां र
ReplyDeletePauranik Kathayen thank for artical