Bhajan that connects with spirituality...

जंवारा,हाथ म छड़ी रे गुलाब की,ईसरजी बाय.....

 
                                   श्री 

हाथ म छड़ी रे गुलाब की,ईसर जी बाय बा न जाय 
राज म्हारा हरिया जंवारा ओ राज
,म्हारा लूलिया जंवारा ओ राज 

 जळ भर झारी हाथ म, गवरादे सींचबा न जाय 
राज म्हारा हरिया .... 

 ऊभी बाई सुधरा यूँ केवे ए भाभी,थारो,म्हारौ सरब सुहाग 
राज म्हारा हरिया.. 

 हाथ म छड़ी रे गुलाब की,कान्हीरामजी बाय बा न जाय
 राज म्हारा हरिया...... 

 जळ भर झारी हाथ म,बहु लाडल सींचबा न जाय 
राज म्हारा हरिया.... 

 ऊभी बाई रोवाँ यूं केवे ए भावज थारो म्हारो अमर सुहाग 
राज म्हारा हरिया

1 comment: