हाथ म छड़ी रे गुलाब की,ईसर जी बाय बा न जाय
राज म्हारा हरिया जंवारा ओ राज
,म्हारा लूलिया जंवारा ओ राज
जळ भर झारी हाथ म, गवरादे सींचबा न जाय
राज म्हारा हरिया ....
ऊभी बाई सुधरा यूँ केवे ए भाभी,थारो,म्हारौ सरब सुहाग
राज म्हारा हरिया..
हाथ म छड़ी रे गुलाब की,कान्हीरामजी बाय बा न जाय
राज म्हारा हरिया......
जळ भर झारी हाथ म,बहु लाडल सींचबा न जाय
राज म्हारा हरिया....
ऊभी बाई रोवाँ यूं केवे ए भावज थारो म्हारो अमर सुहाग
राज म्हारा हरिया
Bahut khoob
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