Bhajan that connects with spirituality...

श्री अर्जुन की शरणागति : गीता ज्ञान (Geeta Ghyan)

गोपाल म्हाने गीता ज्ञान सुणावो ,म्हारा श्याम
नन्दलाल म्हारी नैया पार लगाओ म्हारा श्याम
 नन्दलाल जी जी म्हारा श्याम...

दीनी प्रभू के हाथ में ,बागडोर पकड़ाय
रथ हांकण लाग्या हरि, अर्जुन यूँ बतलाय
घनश्याम रथ सेना बीच ठेरावो म्हारा श्याम नन्दलाल जी...

रणभूमी के बीच में, उपज्यो कुटुम्ब सनेह
शस्त्र हाथ सें छुट रहया थर थर कांपे देह
सांवरिया म्हांसूं क्यूं थे युद्ध करावो म्हारा श्याम, नन्दलाल जी...

बाणां री बौछार सूं खप ज्यासी सब बीर
कुटुम्ब आपणो है सभी,किस विध छोडूं तीर
मनमोहन म्हारी ममता मोह छुड़ावों म्हारा श्याम,नन्दलाल जी...

रथ के पीछे बेठ गया, तज्या धनुष और बाण
शरणागत अर्जुन हुआ करो प्रभु कल्याण
मधुसूदन म्हारे दिल की जलन मिटाओ म्हारा श्याम ,नन्दलाल जी...

मैं शरणागत शिष्य हूं थे गुरुदेव हमार
करणु कुछ जानूँ नहीं,धर्म अधर्म विचार
व्रजराज म्हाने हित की बात बताओ म्हारा श्याम, नन्दलाल जी...

जगतगुरु श्री कृष्ण जी, सबका जीवन प्राण
मंगसर सूद एकादसी, प्रगट्यो गीता ज्ञान

परमेश्वर म्हाने ऐसो अमृत प्यावो म्हारा श्याम, नन्दलाल जी...

(visit my youtube channel to listen to the bhajan)


No comments:

Post a Comment