Bhajan that connects with spirituality...

नव कोटि दुर्गा,सिँह धडुक....

नव कोटि दुर्गा,सिँह धडुक थारै बारणं
 म्हारी शेरा वाली मैया, सिँह.....

 इंद्र घटा छाई घणीस रे,देख्यां आनन्द आवे
 निज मन्दिर म आप विराजो,दर्शण घणा सुहावे जी 
ब्रम्हाणी दुर्गा,सिँह..... 

 नागीणा में नाइकास रे,कलकत्ते में काळी 
अहमदाबाद में भद्रकालिका,भक्तन की रखवाली जी 
म्हारी शेरावाली मैया...... 

 सब भक्तों की विनती सरे,सुण ल्यो अरज हमारी 
हाथ जोड़ विनती करूँ सरे, चरण कमल बलिहारी जी
ब्रम्हाणी दुर्गा........

ब्रम्ह रूप व्यापक भई सरे,रोम रोम में तारे
जिन पर महर करे नवदुर्गा, भव सागर सें तारे जी
नवकोटि दुर्गा....

 

1 comment:

  1. Aakhir Kyon
    EKADASHI BHAJAN
    GANESH JI KI KAHANI
    GANGAUR KE GEET
    GURUJI KE BHAJAN
    HANUMAN BHAJAN
    HOLI KE GEET
    KATHIK MAAS KE BHAJAN
    KRISHNA BHAJAN
    MAATA KE BHAJAN
    MEERA KE BHAJAN
    OTHER BHAJAN
    RAJSTHANI LOKGEET
    RAM JI KE BHAJAN
    SHADI KE GEET
    SHIV BHAJAN
    SHYAM BABA KE BHAJAN
    VRAT KI KAHANI
    SEARCH THIS BLOG
    Home / Unlabelled / नव कोटि दुर्गा,सिँह धडुक....
    नव कोटि दुर्गा,सिँह धडुक
    Pauranik Kathayenthanks for articals

    ReplyDelete