बम बम बागां बीच भाँगडली बुवाय राखूंली
रे घुटाय राखूंली
,रे छनाय राखूंली,रतन कटोरे बिछिया
छाण राखूंली....
कांई बाँवू काशीजी म, कांई जी प्रयाग
कांई बाँवू हर की पेड़ी, कांई जी कैलाश
शिव शंकर....
काशीजी म केसर बोवूं, चन्दन प्रयाग
हर की पेड़ी बिजीया बोवूं,धतूरो कैलाश
शिव शंकर...
कांई मांग नांदियो र कांई जी गणेश
कांई माँग भोलो शंकर जोगिया रो भेष
शिव शंकर...
दुर्बा माँग नांदियो,र मोदक गणेश
बिजिया माँग भोलो शंकर,जोगिया को भेष
शिव शंकर....
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घोटे घोटे नांदियो र छाणत गणेश
भर भर प्याला देवे गवरजा पिवो भोलानाथ
शिव शंकर....
नाचे नाचे नांदियो र नाचत गणेश
नाचे र म्हारो भोलो शंकर जोगिया रो भेष
शिव शंकर.....
आकड़े की रोटी पोइ,धतूरा को साग
बिजिया की तरकारी छमकुं ,जीमो भोलानाथ
शिव शंकर....
खाक म तो झोळी झण्डा, हाथ मे त्रिशूल
कैलाशी सें चले महादेव,नशे में भरपूर
शिव शंकर...
आगे आगे नांदियो,लारे जी गणेश
बीच बिचाले चले गवरजा,भीलणी रो भेष
शिव शंकर....
निर्धनियो तो धनड़ो मांगे,राजा मांगे रूप
कोढ़ी मांगे कञ्चन काया, बांझ मांगे पूत
शिव शंकर......
निर्धनिया न धनड़ो देसी,राजा देसी रूप
कोढ़ी देसी कञ्चन काया,बाँझ देसी पूत
शिव शंकर....
कैलाश पर्बत तपे महादेव,नन्दियो चेलो साथ
भक्त मण्डल भगवान सें मांगे,भक्ति,ज्ञान,वैराग
शिव शंकर.....
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