मीठी मुरलियां बाजन लागी ,सारी सखियां घर सें भागी
पार्वती भी आई आज, संग में बाबा भोलेनाथ
कान्हा की जब बंशी बाजी, गोपियां सारी थिरकन लागी
गोपी बनकर आये भोले ,रास खेल रहे , होले होले
कान्हा मन ही मन मुस्काये ,मीठी मीठी तान सुनाये
सुध बुध भूले भोलेनाथ ,झूठ का हो गया पर्दाफाश
कान्हा शिव को गले लगाये
तब सें गोपीनाथ कहाये
No comments:
Post a Comment