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Gangourgeet ।।गवरां बाई का छप्पन भोग का गीत



                                  श्री 

आवो आवो म्हारै घर पधारो ईसरजी,
 मोती चौक पुरावां लगांवा आसण जी
 बेगा सा आवो,दरस दिखावो म्हे बाट जोवां क्यूँ तरसावो -

2 कांई कांई थांने म्हे जिमावां गवरां जी 
नई नई बानगी चखावां गवरां जी
 थे फरमावो,हुक्म सुनावो म्हे थारी ख़ातिर छप्पन भोग बणाया 

 लाडू तो बणाया म्हे तो मोतीचूर का 
भावे तो खावो थे तो लाडू गूंद का 
जलेबी बणाई इमरती बणायी, लच्छेदार है रबड़ी बणायी
 कलकते का रसगुल्ला ल्याया ,हिडावे सूं मैया पेड़ा मंगाया,
 बीकानेरी पापड़,बीकानेरी भुजिया, सांगानेरी दाळ औऱ चावलां रा खिचिया
 दाळ बणायी, बाटी सिकवाई कि चुरमां म चूंटीयो मिलायो 
आवो आवो..... 


 भोग लगावां म्हे तो राजभोग को ,केवो तो बणावां म्हे तो हलुवो सोहन को 
केशर बट्टी ल्याई,परवल बणायी बादाम औऱ पिस्ता की बर्फी बणायी हीराकणी रसभरी थांने खुवावां-2 केवो तो गवरां बाई खीरानन्द बणावां 
खीर बणावां, पूड़ा बणावां, काँजी ,दही का बड़ा बणावां 
गाजे,बाजे सें म्हारै घर आज्यो 
कांई कांई थांने......


 कुछ तो मुंडा सूं बोलो माई ,काश्मीरी गवरां सेब मंगाई 
नारंगी मंगाई,मौसमी मंगाई लाडू औऱ आड़ू की टोकरी मंगाई
 मीठा मीठा कदली फ़ळ म्हे मंगाया
 लीची मज़ेदार है, सीताफल त्यार है साबुत औऱ लँगडे, आमां की बहार है 
अँगूर मंगाया,खजूर मंगाया कि मीठा मीठा बोरिया थे खावो
 आवो आवो ....... 


 खाटी खाटी राबड़ी,मीठी छाछ है ,बाजरे की रोटी,फलियाँ को साग है फोगलो खुवावां,सांगरी खुवावां केरिया को थांने अचार खुवावां 
टिंडा खुवावां, लिचु खुवावां-2 काचरिया मतीरा को साग बणायो
 चणा की दाळ म छोंक लगायो
 थाळ सजायौ, थे जीमण आइयो थे, बेगा ही म्हारै घरां आज्यो
 कांई कांई.......

 केसरिया गवरां दूध,पिलावां, फुलड़ा री थारे सेज बिछावां 
लौंग इलायची को पान बणावां ,पान क बीड़ा पर बरक चढ़ावां
 पान खुवावां, सुपारी खुवावां -2 पाँव दबावाँ, गीत सुनावाँ
 दोड़या दोड़या थारे बनोरा म आवां 
 माखन खुवावां, मिश्री खुवावां ,सखियाँ बुलावै गवरां आवो 
आवो आवो...

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