गिरी गोवर्धन पे गाय, चराय ला बंशीवारे
चराय ला बंशीवारे, चराय ला मोहन प्यारे
अरे,गिरी गोवर्धन.....
तेरे द्वार पे आये ग्वाला,तुम चलो नन्द के लाला
तेरी गायें रही रँम्भाय, चराय ला......
गिरिवर के निकट,चरइयो,कहीं दूर निकस मत जइयो
सँझ्या को पानी लइयो पिवाय, चराय ला.....
तुम खोर साँकरी जइयो,गहबर बन गाय चरइयो
तोकूँ लडुवा दउंगी खवाय,चराय ला....
छींके पर धरयौ है धौना, दधि खा जा श्याम सलोना
तेरी भूख दऊँगी मिटाय,चराय ला....
मैं जाऊँ तौ पर वारी,मेरे मनमोहन गिरिधारी
घासी की करना तुम सहाय,चराय ला.....
Aakhir Kyon गिरी गोवर्धन पे गाय
ReplyDeletePauranik Kathayen thank for articals