ओ कान्हा,सारी दुनिया बतावे माखनचोर
चोरी करबो छोड़ो जी,थे म्हांसूं रिस्तो जोड़ो जी
कन्हैया चित्तचोर....
ओ कान्हा ,थारी चोरी की किंयाँ पड़ गई बांण
म्हांने भी समझाओ जी,म्हारै मन को भरम मिटाओ जी
कन्हैया चित्तचोर....
ओ कान्हा,थे हो सृष्टि का सिरजनहार
थांके क्यांको घाटो जी,म्हारै मन मे चुभ रह्यो कांटो जी
कन्हैया चित्तचोर......
ओ कान्हा,थां पर,तन मन धन देवूं वार
नैणां सूं नैण मिलाओ जी,थे थोड़ा सा मुस्काओ जी
कन्हैया चित्तचोर....
ओ कान्हा प्यारा, माखण की काँई छ बात
ओ नन्दू समझ न पावे जी,सारी गोप्यां नाच नचावे जी
कन्हैया चित्तचोर..…
Aakhir Kyon ओ कान्हा,सारी दुनिया बतावे माखनचोर
ReplyDeletePauranik Kathayen thanks for articals