हाँ ओ रामा,मिंग्सरीय को मगन महीनों
गाओ ए किसन हर की थाळी थाळी
हाँ ओ रामा,रामजी न नूतबा राधिका पधारया
पेर कसुम्बा,साड़ी-साड़ी
हाँ ओ रामा,धौल्या चावळ फटकर रान्ध्या
दाळ मूँगां की हरि हरि
हाँ ओ रामा,मनमुक्ति को सीरो ए बणायो
मांय मिश्री की डळी डळी
हाँ ओ रामा,सुररी गाय को घिरत मंगायो
मांय मिर्चा की तळी तळी
हाँ ओ रामा,धोलती गाय को दही ए
मंगायो
मांय माखण की डळी डळी
हाँ ओ रामा,पापड़ ,पूड़ी केर करिली
और चँवलां की फ़ळी फ़ळी
हाँ ओ रामा,बीजापुर को बिजणूं मंगायो
देव घड़ो भर थाळी थाळी
हाँ ओ रामा,मात जसोदा थाळ परोस
जीमो म्हारा लालजी ,रळी रळी
हाँ ओ रामा बहन सोधरां चुटकी बजावै
हरि चरणां में खड़ी खड़ी
हाँ ओ रामा,चन्द्रावळ राणी चळू रे करावे
हाथ सोना की झारी झारी
हाँ ओ रामा,सोनचिड़ी हर का सुगन मनावे
डावे कंवळ खड़ी खड़ी
हाँ ओ रामा, म्हे गावां म्हारो कृष्ण रिझावां
पूरे मन की रळी रळी
हाँ ओ रामा,कुँवारी गावै, घर बर पावै
परणी पुत्तर खिलावे हरि
हाँ ओ रामा,बूढ़ी गावै गङ्गा न्हावै
सुरग पालकी आवै हरि
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