Bhajan that connects with spirituality...

मिंगसर की थाळी

हाँ ओ रामा,मिंग्सरीय को मगन महीनों गाओ ए किसन हर की थाळी थाळी हाँ ओ रामा,रामजी न नूतबा राधिका पधारया पेर कसुम्बा,साड़ी-साड़ी हाँ ओ रामा,धौल्या चावळ फटकर रान्ध्या दाळ मूँगां की हरि हरि हाँ ओ रामा,मनमुक्ति को सीरो ए बणायो मांय मिश्री की डळी डळी हाँ ओ रामा,सुररी गाय को घिरत मंगायो मांय मिर्चा की तळी तळी हाँ ओ रामा,धोलती गाय को दही ए मंगायो मांय माखण की डळी डळी हाँ ओ रामा,पापड़ ,पूड़ी केर करिली और चँवलां की फ़ळी फ़ळी हाँ ओ रामा,बीजापुर को बिजणूं मंगायो देव घड़ो भर थाळी थाळी हाँ ओ रामा,मात जसोदा थाळ परोस जीमो म्हारा लालजी ,रळी रळी हाँ ओ रामा बहन सोधरां चुटकी बजावै हरि चरणां में खड़ी खड़ी हाँ ओ रामा,चन्द्रावळ राणी चळू रे करावे हाथ सोना की झारी झारी हाँ ओ रामा,सोनचिड़ी हर का सुगन मनावे डावे कंवळ खड़ी खड़ी हाँ ओ रामा, म्हे गावां म्हारो कृष्ण रिझावां पूरे मन की रळी रळी हाँ ओ रामा,कुँवारी गावै, घर बर पावै परणी पुत्तर खिलावे हरि हाँ ओ रामा,बूढ़ी गावै गङ्गा न्हावै सुरग पालकी आवै हरि

No comments:

Post a Comment