साँवरिया गिरधारी रे,राम कृष्ण गोविन्द
लाज बचाओ मुरारी रे,राम कृष्ण गोविन्द
करूणा कर द्रोपदी पुकारी,आवो प्यारे कृष्ण मुरारी
आके बचाओ मोरी साड़ी रे,राम कृष्ण.....
जल में गज को ग्राह नें घेरा
करी न देर तुरंत किया फेरा,
चक्र सुदर्शन धारी रे,राम कृष्ण.....
मोर मुकुट,माथे तिलक विराजै
गल वैजयंती माला साजे
कुण्डल की छवि न्यारी रे,राम कृष्ण...
आवो आवो जल्दी आवो
आकर अपने दरश दिखाओ
गोवर्धन गिरधारी रे,राम कृष्ण.....
गोविन्द जय जय,गोपाल जय जय
राधा रमण हरि गोविन्द जय जय
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