बिजणू,ईसरदास जी रो गूँथयो,बाई गवरां खिनायो
बिजणू रंग रातो रे मरुवा
बिजणा र एवड़ दांडी, छेवड़ दांडी
रंग रंगीलो,छाब छबिलो
अस्सी ऐ कल्या रो,नो स जड़याँ रो
बिजणू रंग रातो रे मरुवा
Bhajan that connects with spirituality...
श्री गिरिराजसुता की गोदी में खेलत गणेश सुमर लेवो गौरीनंदन को,भोग लगे मेवा चन्दन को भरे भण्डार सकल अन्न...
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