चमकण घाघरो,चमकण चीर, बोल बाई गवरां
थारो कितो बढो बीर
बढ़ सूं बड़ो म्हारो भरमल बीर, वां सूं छोटो म्हारो
कानीराम बीर,
माय मिलावे,म्हारो भरमल बीर,चुनड़ी ओढासी म्हारो कानीराम बीर
चमकण घाघरो
Bhajan that connects with spirituality...
श्री गिरिराजसुता की गोदी में खेलत गणेश सुमर लेवो गौरीनंदन को,भोग लगे मेवा चन्दन को भरे भण्डार सकल अन्न...
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