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इतिहास गा रहा है.....

इतिहास गा रहा है, दिनरात गुण हमारा
 दुनियाँ के लोगों सुन लो,यह देश है हमारा 

 इस पर जन्म लिया है, इसका पिया है पानी
माता है ये हमारी,यह है पिता हमारा, इतिहास गा..... 

 वह देवता हिमालय,हमको पुकारता है, 
गुण गा रही है निशदिन,गङ्गा की शुभ्र धारा, इतिहास गा......

 झेलम तुंही बता दे,पोरस की वीरता को, 
युनान का सिकन्दर,था जिसके तट पे हारा, इतिहास गा.......

 उज्जैन फिर सुना दे, विक्रम की वह कहानी, 
जिससें प्रकट हुआ था,संम्वत नया हमारा, इतिहास गा....... 

 आता है याद रह रह,गुप्तों का वो जमाना, 
सारे जहाँ में छाया, वह स्वर्ण युग हमारा, इतिहास गा..... 

 घास की रोटी खाना, जँगल में था बसेरा, 
कहीं भूल ना जाना लोगों,वह था प्रताप प्यारा, इतिहास गा........

 दी क्रांतिकारियों नें, अंग्रेजों को चुनोती, पल पल प्रकट हुआ था,स्वातन्त्र्य ये हमारा, इतिहास

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