जानकीवल्लभ लाल की ओ सखी आरती कीजे
सुन्दर बदन बिलोकी के,नयनन सुख लीजे
जानकीवल्लभ लाल की...
कुण्डल ललित कपोलना, श्रुति अलक विराजे
कण्ठा कण्ठ सुहावना,गज मुक्ता राजे
जानकीवल्लभ लाल की....
पाग बनी जरितार की,दुपट्टा जरतारी
पटुका है पचरंग का,मणि जड़ित किनारी
जानकीवल्लभ लाल की....
सियाजू के सोहे लाली चुनड़ी,रवि ज्योति जो लाजे
रसिक अली की स्वामिनी,भूषण छवि छाजे
जानकीवल्लभ लाल की.....
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