श्री
राधे कौनसे पुण्य किये तुमने,हरि रोज़ तेरे घर आते हैं
राधे,जब सोलह श्रृंगार करे,हरि दरपण आप दिखाते हैं
राधे कौनसे.....
राधे जब भोजन तैयार करे,हरि मांग मांग कर खाते हैं
राधे कौनसे.....
राधे जब तूं पनिया भरने चली,हरि गागर आप उठाते हैं
राधे कौनसे.......
राधे जब तूं रुठ के बैठ गयी,हरि मुरली बजाके मनाते हैं
राधे कौनसे.......
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