मान मेरा कहना,नहीं तो पछतायेगा
मिट्टी का खिलौना,मिट्टी में मिल जाएगा
मात पिता तेरा कुटुम्ब कबीला
विपदा पड़े तब,कोई नां किसी का
एक दिन हँसा, अकेला उड़ जाएगा
मिट्टी का खिलौना......
बेटा बेटा क्या करता है
बेटा तेरा एक दिन,पड़ोसी बन जायेगा
मिट्टी का खिलौना....
बेटी बेटी क्या करता है
बेटी तेरी एक दिन,जँवाई ले जाएगा
मिट्टी का खिलौना......
पड़ोसी,पड़ोसी क्या करता है
पड़ोसी तो एक दिन,जला कर चला आएगा
मिट्टी का खिलौना....
धन दौलत तेरे,कोठी बंगले
इनसें ममता छोड़ दे पगले
सब कुछ तेरा यंही रह जायेगा
मिट्टी का खिलौना....
मनुष्य जन्म तूँने पाया रे बन्दे
कर्म नां कर तूँ जग में गंदे
जैसा बीज बोया,वैसा ही फ़ल पायेगा
मिट्टी का खिलौना.....
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