भज गोविन्दा गोपाला,मनमोहन श्याम कन्हैया
मुरलीधर गोपाला,घनश्याम नन्द के लाला
नटनागर तूं रास रचैया,गोवर्धन गिरिधारी
कितने नाम तेरे नटवर,तूं सांवल कृष्णमुरारी
कोई कहे वसुदेवक़ीनन्दन,कोई कहे नन्दलाला
मुरलीधर गोपाला.....
तूँ ही सागर में रमता,तूँ ही धरती पाताल
जल में थल में औऱ जगत मे,तेरी जयजयकार
राजा हो या दीन भिखारी,सबका तूँ रखवाला
मुरलीधर गोपाला.....
जिसका कोई नहीं इस जग में,उसका मीत कन्हैया
बंशी बजैया,रास रचैया कालीय नाग नथैया
मेरे मनमन्दिर में स्वामी,तुझसे ही उजियाला
मुरलीधर गोपाला.....
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