हे पंचमुखी हनुमान देवता सारा
थे रिद्धि सिद्धि ले घर आवो गजानन्द प्यारा
एक बावन भैरुँ,चौसठ जोगण्यां आई
जठ सन्मुख शंकर शिवजी नाद बजाई
हे पंचमुखी.......
एक राम मन्दिर में मूर्ति ख़ूब मज़ा की
ज्यांरा दर्शण कर कर खुशी मनावे नर नारी
हे पंचमुखी.......
हँसा पर शारद बैठ बाँच रही पोथी
मन्दिरों के मायने हो रही जगमग ज्योति
हे पंचमुखी.....
एक सूर्य चंद्रमा सिंवरु नव लख तारा
ज्यांन गावे माधोदास,राम का प्यारा
हे पंचमुखी.......
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