गोपाल म्हांने गीता ज्ञान सुनाओ म्हारा श्याम
नन्दलाल म्हारी नैया पार लगाओ म्हारा श्याम
नन्दलाल जी ओ घनश्याम
दीन्ही प्रभु के हाथ में,बागडोर पकडाय
रथ हाँकन लाग्या हरि,अर्जुन यूँ बतलाय
घनश्याम रथ न, सेना बीच ठहराओ म्हारा श्याम
गोपाल म्हानें.....
रणभुमि के बीच में,उपज्यो कुटुम्ब सनेह
शस्त्र हाथ सूं छुट रह्या, थर थर काँप देह
साँवरिया म्हांसूं क्यूँ थे युद्ध कराओ म्हारा श्याम
गोपाल म्हांने.....
बाणां री बौछार सूं, खप ज्यासी सब बीर
कुटुम्ब आपणो है सभी,कींण विध राखूं धीर
मनमोहन म्हारी ममता मोह छुड़ाओ म्हारा श्याम
गोपाल म्हांने......
रथ के पीछे बैठ गया,तज्या धनुष औऱ बाण
शरणागत अर्जुन हुया करो प्रभु कल्याण
मधुसूदन म्हारे दिल की जलन मिटाओ म्हारा श्याम
गोपाल म्हानें.....
मैं शरणागत शिष्य हूँ, थे गुरुदेव हमार
करणो कुछ जानू नहीं,धर्म अधर्म विचार
वृजराज म्हांने हित की बात बताओ म्हारा श्याम
गोपाल म्हानें......
जगतगुरु श्री कृष्ण जी,सबका जीवन प्राण
मिंगसर सुद एकादशी प्रगट्यो गीता ज्ञान
परमेश्वर म्हांने एसो अमृत प्यायो म्हारा श्याम
गोपाल म्हांने......
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