श्री
बनवारी रे,जीने को सहारो तेरो नाम रे
मुझे दुनिया वालों सें क्या काम रे
झूठी दुनियां,झूठे बन्धन,झूठी है ये माया
झूठा सांस का आना जाना,झूठी है ये काया
ओ...यहां सांचो तेरो नाम रे
बनवारी रे.......6
रंग में तेरे रंग गई गिरिधर,छोड़ दिया जग सारा
बन गई तेरे प्रेम की जोगन,लेकर मन इकतारा
ओ....मुझे प्यारो तेरो साथ रे
बनवारी रे........
दर्शन तेरा जिस क्षण पाऊं,हर चिन्ता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में निशदिन ज्योत जलाए
ओ....मेरी बाँह पकड़ लो श्याम रे
बनवारी रे....
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