श्री
कन्हैया, हिंडो घाल्यो रे हरिये बाग में-3
आई आई रे,सावणीया री तीज कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे......
कन्हैया, सावण सुरंगो प्यारो मास रे
चमके,चमके रे,आभा में प्यारी बीज कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे.......
कन्हैया, रिमझिम बरसे है रूड़ो मेवलो
म्हारी तारां छाई चुनड़ ज्यावै भीज,कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे.......
कन्हैया ,संग की सहेल्यां जोवे बाट रे
म्हारी सासु औऱ जीठाणी ज्यावै खीज,कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे......
कन्हैया ,राधा दीवानी थारे प्रेम की
म्हारी कञ्चन जैसी काया जावे छीज,कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे.....
कन्हैया, दास भँवर की याही विनती
थे तो बादीला भक्तां पर जावो रीझ,कन्हैया
हिंडो घाल्यो रे........
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