थां कारण बासुदेव जी रा छावा रे
घोड़ी ने इंदर पठाणी रे
सवा लाख री सोवे किलङ्गी
मोत्यां लूम लगाई रे
आ घोड़ी नाचनी, ओजी ओजी ओ
बना री घोड़ी कूदनी, आ कूद नव नव ताल
बछेरी घणी सुहावणी
सोने कुंडे दाल दिराउं रे,नागर पान खिलावूं
हरी हरी दूब म्हारी घोड़ी न खुवावुं
नीर गंगाजल पाऊं रे आ घोड़ी नाचनी.....
घोड़ी कूदे श्री कृष्ण डरपे,सखियां मङ्गल गावे रे
आ घोड़ी नाचनी....
थां कारण,गणेश लाल जी रा पोता रे
घोड़ी न इंदर पठाणी रे
थां कारण,शिवनारायण जी रा दोहिता रे
घोड़ी न इंदर पठाणी रे
सवा लाख री सोवे किलङ्गी
मोत्यां लूम लगाई रे,आ घोड़ी नाचनी
ओजी ओजी ओ बना री घोड़ी कूदनी
आ कूद नव नव ताल,बछेरी घणी सुहावणी
सोने कुंडे दाल दिराउं रे,नागर पान ख़िलावूं रे
हरी हरी दूब म्हारी घोड़ी न खिलावूं
नीर गंगाजल पाऊं रे,आ घोड़ी नाचनी
ओजी ओजी ओ बना री घोड़ी कूदनी
आ कूदे नव नव ताल,बछेरी घणी सुहावणी
घोड़ी कूदे सुमीत बनो डरपे,
भुआ,बहना मङ्गल गावे रे
आ घोड़ी नाचनी......
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