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Chota binayk | किस नगर सूं आइया ओ बाबा दुन्दाला |shadi ke devata ke geet

                            श्री
                    छोटा बिनायक
किस्य नगर सूं आइया ओ बाबा दुन्दाला
कोई घर कुणा जी र जाय, रिद्ध सिद्ध करो बिनायक दुन्दाला
रणत भँवर सूं आइया ओ बाबा दुन्दाला, कोई
घर दादाजी र जाय ,रिद्धि...
 ऊंचा घालूं बेसणा ओ बाबा दुन्दाला, कोई
दूध पखारुंली पांव,रिद्धि...
चावल राँधू ऊजला ओ बाबा दुन्दाला,कोई
हरिय मूंगा री दाल,म्हारै घर.....
पोली पोवुं लळचली ओ बाबा दुन्दाला, कोई
तीवण तीस बतीस,रिद्धि...
घी बरताऊ टोकणा ओ बाबा दुन्दाला, कोई
असल जालापुर री खांड, म्हारै घर...
केर करेला स तलूँ ओ बाबा दुन्दाला, कोई
पापड़ तलूँ पचास,रिद्धि..
गिदी ढालूं रेशमी ओ बाबा दुन्दाला, कोई
फुलां जड़यो बाजोट,म्हारै घर...
थाळ परोस पदमणी ओ बाबा दुन्दाला, कोई
नेवर र झणकार, म्हारै घर...
जिम्यां जूठया रंज रहया ओ बाबा दुन्दाला, कोई
अमृत चळू रे कराय, रिद्धि..
सांमी शाळ म दियो जग ओ बाबा दुन्दाला, कोई
बैठ्यो दुंद पसार रिद्धि...
ओछा पायां ढोलियो ओ बाबा दुन्दाला, कोई
फुलड़ा सूं सजी है सेज,म्हारै घर....

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