गढ़ रणत भवन सूं आवो बिनायक ,करो नि अणचीती बिड़दड़याँ
एक,बिरद ,बिनायक दोन्यूं जी आया ,आय उतरिया हरिया बाग म
एक ,पूछत,पूछत,नगर ढंढोरयो, साय न गणेश लाल जी रो घर किस्यो
एक,ऊंची सी मेड़ी,अज़ब झरोका ,केर झबरक राजीडा र बारण
एक,पेलो जी बासो सरवर बसियो,सरवर भरियो ठण्डा नीर सूं
एक भरियोडो सरवर लेव रे हबोला,नीर भर पनिहारियां
एक,दूजो तो बासो बाड़याँ जी बसियो,बाड़याँ तो छाई फ़ल फूल सूं
फ़ल, फूल बाड़ी सो फ़ल पसरयो,चँम्पो जी मरवो,केवड़ो
एक,अगणु तो बासो,गवाड़ा जी बसियो,गवाड़ा तो भरिया धोली धेनु सूं
एक धोली सी धेनु धमड़क जी दूज,सोवन थांब बिलोवणो
बिलोवणो राजीडा रो गेरो जी घमक, आँगन चमक राजीडा री कुल बहु
एक,चौथो तो बासो सहेळ जी बसियो,सहेळ म बैठ्या रोड़ा साजना
म्हारै साजनिया रो नेग चुकास्यां,म्हारो नवल बनो परणाईस्यां
एक,पांचवों तो बासो तोरण बसियो,तोरण छाई चिड़ी रे चिडोकल्या
एक अदन,बदन दोय च्यार चिड़कली,बिच में हरियाला बना रो सुवटो
म्हारै सुवटिया न चुगो रे चुगास्यां,म्हारौ नवल बनो परनायस्यां
एक छठो तो बासो,मायां जी बसियो,मायां म बेठया देवी देवता
देवी देवता रो नारेल बंधारा,म्हारो नवल बनो परनायस्यां
एक,सातवों तो बासो चँवरयां जी बसियो,चँवरयां म बैठ्या लाडो,लाडली
म्हारी लाडली रो चीर ज बधज्यो, राई तो बर रो बागो केसरया
बधज्यो बधज्यो रे लाडा गोत कडुम्बो,एक पीवर दूजो सासरो
एक,आठवों तो बासो ओरां जी बसियो,ओरा तो भरिया भार भण्डार सूं
एक बधज्यो जी पापड़,बधज्यो जी बड़ियां,और ज बधज्यो घिरत घिलोड़ियाँ
एक नवों तो बासो पड़व जी बसियो,पडवो तो रुद्धयो साली सलेलड़्यां
साली सलेलड़्यां रो नेग चुकास्यां, म्हारी पड़व जी पलँग ढोलयस्यां
एक,मांड्यो जी चूंडयो आयो बिनायक,कुम्हारी री चाक सूं
एक,पहरयो जी ओढ़यो आयो बिनायक,दरजीडा री हाट सूं
एक ,लहरयो जी लुम्बयो आयो बिनायक,सोनिडा री हाट सूं
एक चरच्यो जी चुम्पयो आयो बिनायक,सरब सुहागण र शीश सों
एक,धायो जी धपट्यो आयो बिनायक ,कन्दोई री हाट सूं
एक आवे घुघरियां री बास ओ बिनायक,कुंण सुहागण गणपत पूजियो
गणपत पूज लाडलड़ री माय सुहागण, ज्यां घर हरख बधावणा
गणपत पूज लाडलड़ री काक्यां सुहागण, ज्यां घर बिड़द उनतावली
एक अळी रे गळी मत जाया ओ बिनायक,आय बिराजो सांमी साळ म
एक कोथलड़याँ जस दिया ओ बिनायक
लाड़ल र बाबा बाप न
एक,बांवडल्या बळ दिया ओ बिनायक,लाडल र काका बीर न
एक गुड़ डलियाँ जस दिया ओ बिनायक,लाडल री बडिया माय न
एक,आरतड जस दिया ओ बिनायक,लाडल री भुआ बैन न
एक तीनों ही विघ्न निवारया ओ बिनायक,बाव, बादल, बीजली
एक आरतड जस ल्यो बाई भुआ बाई, थार भतीजा र ब्याव म
एक गाय बजायर जस ल्यो बाई,सगळी बायां,थार बिरोजी र ब्याव म
एक जीम जुठ र जस ल्यो सगळा भानजा भानजी, थार मामाजी र ब्याव म
एक,नाच कूद र जस ल्यो सगळा भतीजा भतीजी,थार काका जी र ब्याव म
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