बधज्यो रे चेजारा
थारी बेल,अनोखो
माल्यो थे चिणयो
जी म्हारा राज
माल्या म पोढ़
सुसराजी रा जोध,छाजां पर सूरज
उगीयो जी म्हारा
राज
बधज्यो रे सोनी
का थारी बेल,अनोखा गेणा थे
घडया जी म्हारा
राज
गेणा पेर
दशरथ जी री
नार,गजरां पर
सूरज उगीयो जी
म्हारा राज
बधज्यो रे खाती
का थारी बेल,अनोखो ढोलयो थे
घड़या जी म्हारा
राज
ढोल्या पोढ़ रामचन्द्र
जी री नार
,पागां पर सूरज
उगीयो जी म्हारा
राज
बधज्यो रे दांति
का थारी बेल,अनोखा चुड़ला थे
चिरया जी म्हारा
राज
चुड़लो पेर जनक
जी री दिव,बंया पर
सूरज उगीयो जी
म्हारा
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