Bhajan that connects with spirituality...

म्हारा सासुजी पूछ ए बहू

म्हारा सासुजी पूछ बहू,थार गेणा रो म्हान अर्थ बताय,
सहेल्यों आम्बो मोलियो

सासु गेंणा जी गेणा क्या करो,म्हारा गेणा जी म्हारो सो परिवार,
सहेल्यों

म्हारा सुसरा गढां रा राजवीं,सासुजी जी जल जमना रो नीर,
सहेल्यों ...

म्हारा जेठ बाजूबन्द होय रहया,जेठाणी जी बाजूबन्द री लुम,
सहेल्यों

म्हारो देवर दांत्यो चुड़लो,देवराणी जी चुड़ला री चूंप,
सहेल्यों

म्हारी नणद कसुमल कांचली,नणदोई जी कसण री लुम ,
सहेल्यों

म्हारी धिव हाथ रो मुंदड़ो,जंवाई जी मुंदड़ रो काच,
सहेल्यों

म्हारो कँवर कुल रो दिवलो,कुलबहू जी दिवल री जोत ,
सहेल्यों

म्हारा सायब सिर रा सेवरा,सायबाणी जी सेज्या रो सिणगार,
सहेल्यों

सासु इतरा जी गेणा सिग चढ़,केसरीयो जी म्हारो तिलक लिलाड़,
सहेल्यों ...

मं तो वारी बवड़ थारी जीभ ,बखाणयो म्हारो सो परिवार ,
सहेल्यों

मं तो वारी सासुजी थारी कुख ,जिण जाया जी सासु अर्जुन भीम,
सहेल्यों ...

म्हार पिवरीय मारगां,बवाडूं जी चावलिया रो खेत,
सहेल्यों

मं तो जब धोवूं जब उजला,उजलायत जी म्हारो माँ को जायो बीर,
सहेल्यों ...

म्हार सासरीय मारगां,बवाडूं जी गुन्द गिरी रो खेत,
सहेल्यों ...

मं तो जब चाखूं जब रस भरयो,रस भरियो जी भोली बाईसा रो बीर,
सहेल्यों .....

(visit my youtube channel to listen to the bhajan)


No comments:

Post a Comment