श्री
ल्याया थांरी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार
इमे साँचा साँचा हीरा,औऱ मोत्यां की भरमार
ल्याया थांरी......
चुनड़ी को रंग लाल चटक है, तारा भी चिपकाया माँ
बढ़िया पोत मंगायो ज्यामें, गोटो भी लगवायो माँ
थे तो ओढ़ दिखाओ मैया, थांरो मानूँगी उपकार
ल्याया थांरी......
बस इतनी सी कृपा राखजे,सेवा में लग ज्यांवा माँ
म्हाने तूं इं लायक करदे,चुनड़ी रोज़ चढ़ावां माँ
बस टाबरिया पर बरसे माँ हरदम थारो प्यार
ल्याया थांरी.....
एक हाथ सूं भक्ति दीजे, एक हाथ सूं शक्ति माँ
एक हाथ सूं धन औऱ दौलत, एक हाथ सूं मुक्ति माँ
तुं तो हर हाथां सूं दीजे, माँ थारा हाथ हज़ार
ल्याया थांरी.....
गर तूं थारी बेटी समझे,सेवा बताती रहिजे माँ
बनवारी गर लायक समझे,काम उढाती रहिजे माँ
म्हे तो रात दिवस बैठ्यां हां थांरी सेवा म तैयार
ल्याया थांरी......
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