श्री
म्हारो बेड़ो पार लगा दीज्यो,बालाजी महाराज
म्हारो संकट सारो हर लीज्यो,बालाजी महाराज
म्हे थांरे शरणे आया,भावां का फुलड़ा ल्याया
फुलड़ा की महक बड़ा दिज्यो,बालाजी
थांरे नारियल भेंट चढ़ावां ,पेड़ा को भोग लगांवा
थे भोग सूं रोग मिटा दिज्यो ,बालाजी महाराज
हरि भाई भरत के जैसा, नहीं कोई उसके जैसा
श्री राम का दरश करा दिज्यो,बालाजी महाराज
म्हारी बहना पुष्पा प्यारी,जिसें जाणे दुनियां सारी
भक्ति में बीने रमा लीज्यो,बालाजी महाराज
कमलेश, है घर नारी,म्हारी सेवा करती भारी
हिवड़े सें उसें लगा लीज्यो,बालाजी महाराज
जद शरण में बैठ्यो थांरी, क्यों विपदा आई भारी
म्हांने इतनी बात बता दिज्यो,बालाजी महाराज
म्हारे मन की पीड़ा मिटा दिज्यो बालाजी महाराज
थांने लाल निरंजन ध्यावे,चरणां में धोक लगावे
म्हांने कालजिये सूं लगा लीज्यो,बालाजी महाराज
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