श्री
तुम सजती रहो, हम सजाते रहें
माँ, सजाने में आनन्द आता है
तुम चन्दन बनो,हम पानी बने,
घुल जाने में, आनन्द आता है
तुम सजती......
तुम दीपक बनो,हम बाती बने
लौ लगाने में आनन्द, आता है
तुम सजती......
तुम सोना बनो,हम सुहागा बने
जल जाने में आनन्द आता है
तुम सजती ......
तुम सागर बनो ,हम लहरें बने
डूब जाने में आनन्द आता है
तुम सजती........
तुम मैया बनो,हम बेटी बने
माँ, बुलाने में आनन्द आता है
तुम सजती .....
तुम सुनती रहो, हम सुनाते रहें
भजन सुनाने में,आनन्द आता है
महिमा गाने में आनन्द आता है
तुम सजती......
No comments:
Post a Comment