श्री
रास में चल राधे प्यारी, लेंन ने आयो गिरधारी
चांद चांदनी के लिए, रहयो आज इतराय
तेरी छवि के सामने, बिना मोल बिक जाय
पड़ेगी फ़ीकी उजियारी, लेन ने आयो.....
आज नहीं मैं जा सकूं ,करो अकेले रास
पायल मेरी खो गई,नहीं मिलन की आस
राधिका मरे शर्म थारी,लेन ने आयो.......
तुम बिन कैसे रास हो, तुम्ही रास की शान
गिरधर का तो नाम है,तेरी शक्ति महान
राधिका,भीड़ लगी भारी,लेन ने आयो.....
मत लाजां मारो मुझे,नहीं करे पग काम
रास नहीं जम पायेगी,बिन पायल घनश्याम
हंसेंगे बृज के नर नारी,लेन ने आयो......
राधे तूं बड़भागिनी,कौन तपस्या किन्ह
ले पायल गिरधर भयो,आज तेरे आधीन
धन्य है,बरसाने वारी,लेन ने आयो......
बड़े चतुर चालाक हो,जान गए सब बात
भोली राधे बावरी बिकी तुम्हारे हाथ
श्याम तुम जीते, मैं हारी,लेन ने आयो......
No comments:
Post a Comment