श्री
म्हारी सच्चियाय माता, ऊंचे पहाड़ा थांरो देवरो
म्हारी कुल की देवी,ऊंचे शिखर पर ...
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माथे थांरे बोरलो जी,टीकों थांरो लाल
लाल लाल है, कबजो थांरो, चुनड थांरी लाल जी
बलिहारी जावां ,ऊंचे शिखर पर थारो देवरों
म्हारी मात भवानी,ऊंचे पहाड़ा थांरो देवरो
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हाथां मेंहदी राचणी मैया, चुड़लो थारो लाल
पगां में पायल बाजनी जी थारे बिछिया रो झीणकार जी
सूरत मन भावे, ऊंचे शिखर पर थारो देवरो
म्हारी सच्चियाय माता, ऊंचे पहाड़ा पर थारो देवरो
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जय हो म्हारी मात भवानी धन्य तेरो दरबार
जो भी थारी शरण में आए,हो जाए बेड़ा पार जी
ओसियां री ए माता,ऊंचे शिखर पर थांरो देवरो
म्हारी कुल की देवी,ऊंचे पहाड़ा थांरो देवरो
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अंतर्मन में भाव बन्यौ जद, थांरो भजन बनायो
थांरी महर से ही म्हारी मैया,यो सम्भव हो पायो जी
म्हापे किरपा राखो,ऊंचे शिखर पर थारो देवरो
जगदम्बे भवानी,ऊंचे पहाड़ा थारो देवरो
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नवनीत म्हारो लाडलो, र लाडेसर विनीत
दायां बांया हाथ है म्हारा, म्हारे मन का मीत जी
सब किरपा थांरी, छत्र छायां में हरदम राख ज्यो
म्हारी सच्चियाय माता ऊंचे पहाड़ा थांरो देवरो
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लाल निरंजन गावे मावड़ी, रलिज्यो हिवड़े लगाय
मैं हूं टाबर थारो मैया,थे हो म्हारी माय जी
म्हारो कष्ट मिटा दो, चरणा में मैया थारी आ गयो
म्हारी कुल की देवी,ऊंचे शिखर पर थांरो देवरो
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