श्री
तर्ज_मुर्गा,मुर्गी प्यार से देखे,नन्हा चूजा खेल करे....
नाम तिहारो संकट मोचन,बाबा संकट हर लेना
कब तक धीरज धारें मन में, आकर धीर बंधा देना
आकर धीर......
जब भी विपदा पड़ी राम पर,प्रभु ने तुम्हें पुकारा
संकटमोचन हे बजरंगी,तुम बिन कौन सहारा
संकट में हैं राम तेरे अब,तुम ही लाज बचाना
तुम ही लाज बचाना........
सागर लंघन कर तब तुमने, मां को धीर बंधाया
संजीवन बूटी लाकर, लक्ष्मण के प्राण बचाया
गदगद मन से बोल उठे प्रभु,तुम हो भरत समाना
कपि तुम हो भरत समाना.....
तीन लोक और चौदह भुवन में,तुझसा कोई बलवान नहीं
तेरे बल का बखान करूं क्या,इतना मुझको ज्ञान नहीं
भक्त तेरा तेरी और निहारे,आकर गले लगाना
आकर गले लगाना......
डगमग डगमग डोले नैया,बाबा अब तो आओ
पुष्पा करे अरदास हे बाबा,आकर बल दिखलाओ
डूब ना जाए नाव भंवर में ,आकर पार लगाना
आकर पार लगाना......
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