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Hariram ji ka geet


                                  श्री
 कंठोड तो बाजा बाजिया हरिराम जी तो 
कंठोड म घुरया छ निशान ओ महाराज
 साँप की बम्बी म डेरा थे लिया हरिराम जी 

झोरड़ म बाजा बाजिया हरिराम जी कोई
 बैंगलोर सूं घुरया रे निशान ओ महाराज
 साँप की... 

निप्यो तो ढोलयो देवरो हरिराम जी कोई 
ध्वजा रे फरुक असमान ओ महाराज
 साँप की... 

थांरी तो आंख्यां चाँदनों हरिराम जी 
म्हारोड़ी घोर अंधेर ओ महाराज 
साँप की... 

चाकी तो चूल्हा थे फ़िरो हरिराम जी
 बहु रे बेटीयां री रिछपाल ओ महाराज 
टाबरीयां री करो रिछपाल ओ महाराज
 साँप की....

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