श्री
हम पर भी कर दो, दया की नज़र
हे श्याम सुन्दर, हे मुरलीधर
कुछ दीनो के दुःख की भी ले लो ख़बर
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर
बृज बाला व्याकुल रहती है
टोली ग्वालों की ये कहती है
कब आओगे ,गिरिधर बनकर
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर
आरत जन तुझे पुकार रहे
आने की राह निहार रहे
कब आओगे नटवर बनकर
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर
जिस बंशी ने प्रेम प्रकाश किया
रसदायक रास विलास दिया
बज जाए भी बंशी घर घर
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर
बिसरा दो इन्हें या संभालो इन्हें
ठुकरा दो चाहे अपना लो इन्हें
दृग बिन्दु आपके पेशे नज़र
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर
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