श्री मद
सनेही सांवरा रे, थारी मोडी पड़ी पीछाण
नन्द जी रा लाडला रे, थारी मोडी पड़ी पीछाण
उजलो भारत देश है रे, उजला सन्त सुजान
गीता थारी उजली रे , उजला वेद पुराण
सनेही......
तीरथ थारा उजला रे,उजला देवस्थान
उजली हिन्दू संस्कृति रे, करे सदा कल्याण
सनेही.....
मारग थारा उजला रे मोहन,जोग, भगति और ज्ञान
गंगा, जमुना उजली रे, सन्त करे अस्नान
सनेही......
उजलो थारो रूप है रे मोहन, उजलो थारो नाम
लीला थारी उजली रे, उजलो थारो धाम
सनेही......
शरण थारी आ पड़यो रे सांवरा, मैं मूरख नादान
डोरी थारे हाथ में रे,अर्जुन का रथवान
सनेही....
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