श्री धरती झूमे,अम्बर गाये,सारे देव धरा पर आये
भव्य मन्दिर बना है श्री राम का
पावन भारत भूमि हमारी,अयोध्या नगरी सबसें न्यारी
जहां बाज रहा है डंका हनुमान का
आओ आओ सब मिल, खुशियां मनायें
तोरण बनायें,मंगल कलश सजायें
मंदिर में विराजेंगे, प्रभू रामजी &&&&
युग बीते हैं,अब पूरा होगा सपना जीवन का
धरती झूमे अम्बर.....
अपने अपने नगर और, द्वार सजायेंगे
प्रभु के स्वागत में हम,पलकें बिछायेंगे
हर घर में होगी, दीपावली &&&&&
ख़ुशीयों की यूं नदियां बहेंगी, जैसें पावन गंगा
धरती झूमे अम्बर....
राम लल्ला की छवि,बनी अति प्यारी
बांए अंग में शोभा पाये , जनकदुलारी
चरणों में बैठै हैं हनुमान जी &&&&&&
लखन,भरत,रीपूसूदन प्रभु के,ढ़ुला रहे हैं पंखा
धरती झूमे अम्बर..…..
त्रेतायुग सें चलकर राम, कलियुग में हैं आये
धन्य धरा के भाग्य खुले है,फूली नांहीं समाये
सरयू सुनाये हरि की,बिरिदावली&&&&&
पुष्पा राम की महीमा गाकर,आनंन्द लो जीवन का
धरती झूमे अम्बर...
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