हां जन्मा कंस को मारने वाला
राधे कृष्णा......
जेल के अंदर जन्म हुआ, कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ
पहरेदारों को ख़बर नहीं, हथकड़ियां भी टूट गई
शिशु रक्षा भी करनी थी, ये भी एक समस्या थी
कैसें पंहुंचेगा गोकुल गोपाला,हां जन्मा.......
हाथ जोड़ वासुदेव खड़े, प्रभू के आगे अर्ज करे
हरि नें फ़िर लीला रचाई है, योगमाया फैलाई है
ख़ुद बन गये छोटे बालक,सबको निंद्रा आई है
बाबा नें शीश पर धर लीन्हा है लाला,हां जन्मा.....
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घोर अंन्धेरी रात है, बारिश मुसलाधार है
जमुना जी मन में हरषाये,आ रहे करतार है
शेषनाग फन फैलाए, फिर भी रोक नहीं पाये
बढ़ने लागी है,जमुना की धारा,हां जन्मा......
प्रभू ने चरण लगाया है,तब जल नीचे आया है
गोकुल में नंद रानी के संग ,बालक को सुलाया है
लौट के जेल में आये हैं, महामाया संग लाये हैं
फ़िर सें बंद हो गये जेल के ताला,हां जन्मा.....
जन्माष्टमी आई है, भक्तों के मन भाई है
चरणों में प्रीत बढ़ाने को,पुष्पा ने लीला गाई है
करुणां के तुम धाम हो, भक्तवत्सल तेरा नाम है
अब तो शरण में लो,नंन्दलाला,हां जन्मा......
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