भगत बुलावे,थांने आयां सरसी
आओ बालाजी ....
लाल लँगोटो, हाथ म घोटो
सिर पर छत्र हजारी जी
लाल ध्वजा थांरे मण्ड पर सोहे
घिरत सिंदूर सुहावे जी
ओ बाबा
घिरत सिंदूर सुहावे जी
लाखों नर नारी आवे,आवे थांरे द्वारे
सबका कष्ट मिटायां सरसी, आओ बालाजी आओ.....
अंजनि मां का पुत्र हो प्यारा
भगतां का रखवारा जी
मन सें ध्याये ध्यान लगाये
उनका कारज सारया जी
ओ बाबा
उनका कारज सारया जी
मङ्गल शनिचर बाबा,मेळो लागे भारी
भगतां न हिवड़े लगायां सरसी
आओ बालाजी आओ.....
इब तो आओ,दरश दिखाओ
क्यों इतना तरसाओ जी
ताराचन्द कहे भगतां री नैया
आकर पार लगाओ जी
ओ बाबा
आकर पार लगाओ जी
डूब न जाये नैया बीच मंझधार में
थांने ही पार लगायां सरसी, आओ बालाजी आओ.......
Bahut hi pyara bhajan , pushpa ko bahut bahut aasirwad .
ReplyDeleteBhajan ka collection bahut acha hai
Aakhir Kyon आओ बालाजी आओ,आज म्हारै
ReplyDeletePauranik Kathayenthanks for articals