राम सीतां की सी जोड़ी आ सुहाणी लागे,मन भाँणी लागे
बनो राजा और बनी राजराणी लागे
चन्दा की सी चमके है आ कली कचनार सी
फूल है गुलाब को,आ नाज़ुक सुकुमार सी
म्हारें आंगण लिछमी आसी,घर म च्यांनणो हो ज्यासी
नई नवेली आ तो रिद्धि सिद्धि की धिराणी लागे
मन भाँणी ..
सांची बात बतावां हां म्हे,सुणो बना राजा जी
सुतां न सुपना म दिखे गळ्यां बनी क शहर की
मन की बेचैनी बढ़ ज्यावै,जद बनी न फ़ोन मिलावे
राधा कृष्ण की सी प्रीत या पुराणी लागे
मन भांणी ....
(बेटी की शादी में लाइन चेंज हो जाएगी
सगा जी र आंगन लीछमी जासी,घर में चाननू हो ज्यासी )
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