Bhajan that connects with spirituality...

माही चौथ की कहानी

आपांणी धरोहर Bhajan that connects with spirituality... माही चोथ की कहानी श्री गणेश जी माही चोथ की कहानी एक साहूकार हो।बिंक कोई सन्तान कोनी ही। एक बार साहूकार की लुगाई पड़ोसी क घर गई।देख्यो तो सगळी लुगायां काणी कथा केव ही। जणा बा पूछ्यो कि थे कांई करो हो।जणा पड़ौसन बोली म्हे माही चौथ की कथा केवां हां।बा पूछी इस्युं कांई हुव। जद पड़ोसन बोली चोथ माता को बरत करयां हूं अन्न हुअ,धन हुअ,लाछ हुअ,लिछमी हुअ,निपुतरयाँ न पुत्र हुअ,बिछुड़ीया रो मेळो हुअ। जणा बा साहुकारनी बोली "हे चौथ माता म्हार सन्तान हु ज्यासी तो अगली साल थारो बरत करस्युं हर सवा किलो तिलकुटा को प्रसाद चडास्यूं।चौथ माता की किरपा स्यूं साहूकारणी क बेटो हुग्यो। बारा महीना हूं माही चौथ आई। साहूकारणी साहूकार न बोली मन तिलकुटा को प्रसाद चडानु है। साहूकार बोल्यो इति कांई जल्दी है,बेटो बडो हू ज्याइ स्कूल कॉलेज जाई जणा साग ही ढाई किला को कर देस्या। छोरो बडो हुग्यो पढ़ लिख लियो परनाण साव हुग्यो।जणा एक दिन साहूकारणी कियो अब तो परसाद करां। तो साहूकार कियो अब तो बेटो ब्याव हालो हुग्यो इंको ब्याव हु ज्यासी जणा कर देई।थोड़ा दिना बाद छोरा की सगाई हुगी। ब्याव मण्ड ग्यो।जणा चौथ माता सोच्यो ए तो माटा आग आग खिसकाता जा रीया है। अगर आन चमत्कार नहीं दिखाऊं तो संसार म मन कुण पूछी। साहूकार बेटा की बरात धूमधाम सुं लेर गयो। ब्याव हुण लाग्यो।तीन फेरा लिया चौथा फेरा मं चौथ माता की लीला हुं जोरदार आंधी र मेह आयो हर बीन न फेरां मुं उठा र गायब कर दियो। हर बाग मं ले ज्यार पिंपल पर बिठा दियो ।सगला जणा ढूँढता ही रे ग्या पर बीन तो कोनी मिल्यो । जणा हार र बिना बीन बीनणी क बरात पाछि चली गई।आग चेत को महिनु आयो । बा बीनणी आपकी सहेल्यां क सागे बाग मं फुलड़ा बिण बा जाती। जणा बो बीन पीपल क गाछ पर बैठ्यो बैठ्यो बोलतो आ ए म्हारी आधी परनयोड़ी।रोजिना इंया सुण सुण र छोरी सुखण पड़गी।बीरी माँ सहेल्यां न पूछ्यो कांई बात है आ सूखती किंया जाव।जणा सहेल्यां बतायो कि बाग मं पीपल क गाछ पर एक बीन बैठ्यो है।बो रोजिना इन केव आ ए म्हारी आधी परनयोड़ी। जणा गांव का लोग भेला हुर बाग मं गया।देख तो साहुकार को बेटो बीन बनयोडो पीपल पर बैठ्यो है। जद सब कोई पुछण लाग्या थे फेरा क बिच मं हूं सिध चल्या गया। अठ किंया आया।जणा।साहूकार को बेटो बोल्यो।म्हारी माँ चौथ माता की बोलवां करी।तिलकुट को परसाद बोल्यो। पर आज तक चडायो कोनि।इ वास्त चौथ माता चमत्कार दिखायो है। जणा बी छोरी का माँ बाप साहूकार न खबर भिजवाई।साहूकार न आपकी गलती को अहसास हुग्यो। बो चौथ माता हूं छमा मांगी।हर सवा मण को तिल कुटो बणवायो । गाज बाज हूं चौथ माता को अजुणो करयो। सारी नगरी मं परसाद बंटवायो।बीन न ब्याव कर र घर ल्याया। जको या तो बोलवां करणी नहीं।करो तो पूरी करणी। हे चौथ माता ,बिन टुथी बिसि सन तुठि।बिन रूठी बिसि किन ही मति रूठी।घटी है तो पूरी करी,पूरी है तो परवान चढ़ाई।बोलो । माही चौथ माता की जै। at January 04, 2018 Share No comments: Post a Comment ‹ › Home View web version Author My photo Pushpa Rathi I am a Youtuber and a Blogger. I write old Marwadi and Hindi Bhajans on my blog and I sing them and upload it on my youtube channel. these are very old and folk songs and bhajans of India. you can visit my youtube chennal on "Pushpa Rathi आपांणी धरोहर" and my blog is "https://bhajaninhindi.blogspot.com/" View my complete profile Powered by Blogger.

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