श्री
उठ उठ ऐ, म्हारी गवरल माता सियाल,री
उँदाल री
सूरज चढ़यो गिगनार
एक,पुजारी बाई,रोवाँ, सुधरां
ज्याने तुठी मोरी माय
अन्न देइ,धन देइ,देइ,बाई न,पिवरियो,सासरियो
सात भायां री जोड़
बीरा ,थे अद्ज्यो,बधज्यो, भावज ,जन ज्यो पूत
पूत,पताशा,बाई रा,ओढ़ना,घाघरा,गढ़ तीलड़ी रो बेस
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