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O mnmouji sanvriya, bethyo | ओ मनमौजी सांवरिया,बैठ्यो हुक्म...

                          श्री
ओ मनमौजी सांवरिया,बैठ्यो हुक्म चलावे
साँवरा,नखरा घणा दिखावे
थारी म्हारी किंयां निभसी,बता दे कान्हा....
1छप्पन भोग छतीसूं मेवा तने तो लागे थोड़ो
सब जाणु हूं सांवरिया तूं ,जीभ को घणो चटोरो
तने तो भावे माल घणा, ओ ,बैठ्यो.....
2रंग बिरंगा कपड़ा पेर,नित श्रृंगार करावे
एक बार भी सांवरिया क्यूँ मन में तेरे ना आवे
क्यों तूँ करावे खर्चा घणा, ओ,बैठ्यो...
3सेवा टहल, तेरो हुक्म बजाणू, सब कुछ न्यारा लागे
म्हानें तो थारा लटका झटका नखरा  प्यारा लागे
जचे जिसतरा नखरा दिखा, ओ,बैठ्यो...

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