श्री
सुरसत सिंवरु शारदा,गणपति के लागूं पांव
श्री कृष्ण सूं बिनती ,म्हारो अन्त सुधारो आय
अर्जुन ,सुणो गीता सार,पाण्डवां करो नि विचार
संसार मोहा जाल ,पांडवां हरि भज उतरो पार
# धूम,धुप बासिया,रामा, ध्रुव चाल्या बनवास
बालक होय मोकूं रटे,जाणाला म्हारा दास
अर्जुन....
# भक्त प्रह्लाद सताइया रामा, हरि भजन के काज
खम्भ फाड़ हिरणाकुश मारयो,नरसिंह धरिया रूप
अर्जुन...
# एक बार बन म गया,बन म तो गंगा घोर
भाव राख्या भीलणी, जूठा तो खाया बोर
अर्जुन...
# एक बार बन म गया,बन म तो विष्णु बन्द
रावण मारयो रामजी,विभीषण पायो लंक
अर्जुन....
# पेली पेड़ी पग धरयो,धोबी को मिलग्यो आय
जामा बागा कोसिया,म्हारै प्रभु र परमाण
अर्जुन....
# दूजी पेड़ी पग धरयो,दर्जी को मिलग्यो आय
जामा बागा सोवणा, म्हारै प्रभु र परमाण
अर्जुन....
# अगनी पेड़ी पग धरयो,माळी को मिलग्यो आय
पान फूल प्रभु से सूँघया, अनेक धारया रूप
अर्जुन...
# चौथी पेड़ी पग धरयो,कुब्जा घर झामझोल
केसर भरियो बाटको, म्हारै प्रभु के अंग लिपटाय
अर्जुन...
# मल्ला सें मस्ती करी रामा प्रभु सें जोड्या हाथ
फेंटा बांध र कूदीया,पिछाड़िया चौगान
अर्जुन....
# झूठा हाथी भेजिया,प्रभु रंग भवन के मांय
मार तो मुक्ति करी प्रभु दिया पदारथ च्यार
अर्जुन...
# उठो माता देवकी थे करो आरतो त्यार
थांरी बेडयां छोड़ दी म्हे आया कंस पछाड़
अर्जुन....
# कुंण पिरावे काँचली रे जाया, कुंण दिखणी रो चीर
कुंण भरेलो मायरो,म्हारो जामण जायो बीर
अर्जुन...
# म्हे ही पीरावां कांचली ऐ माता,म्हे ही दिखण्या रो चीर
म्हे ही भराला मायरो,म्हानें ही समझो बीर
अर्जुन....
# थांने साले एकलो ऐ माता,म्हांने सातूं बीर
आठवीं धर्म की बेनड़ी ,बा चमके आबा बीच
अर्जुन....
# हाथ बीचे, कमल बीचे रामा सेंस रही लगाम
आप जिम्या प्रभु जिम्या,जिम्या है जादुराय
अर्जुन....
# गीता गावे,गङ्गा न्हावै, बास बेकुण्ठा रा पाय
गलियाँ का गया सुण, ज्यांरा पाप सरीरा जाय
अर्जुन....
श्री कृष्ण सूं बिनती ,म्हारो अन्त सुधारो आय
अर्जुन ,सुणो गीता सार,पाण्डवां करो नि विचार
संसार मोहा जाल ,पांडवां हरि भज उतरो पार
# धूम,धुप बासिया,रामा, ध्रुव चाल्या बनवास
बालक होय मोकूं रटे,जाणाला म्हारा दास
अर्जुन....
# भक्त प्रह्लाद सताइया रामा, हरि भजन के काज
खम्भ फाड़ हिरणाकुश मारयो,नरसिंह धरिया रूप
अर्जुन...
# एक बार बन म गया,बन म तो गंगा घोर
भाव राख्या भीलणी, जूठा तो खाया बोर
अर्जुन...
# एक बार बन म गया,बन म तो विष्णु बन्द
रावण मारयो रामजी,विभीषण पायो लंक
अर्जुन....
# पेली पेड़ी पग धरयो,धोबी को मिलग्यो आय
जामा बागा कोसिया,म्हारै प्रभु र परमाण
अर्जुन....
# दूजी पेड़ी पग धरयो,दर्जी को मिलग्यो आय
जामा बागा सोवणा, म्हारै प्रभु र परमाण
अर्जुन....
# अगनी पेड़ी पग धरयो,माळी को मिलग्यो आय
पान फूल प्रभु से सूँघया, अनेक धारया रूप
अर्जुन...
# चौथी पेड़ी पग धरयो,कुब्जा घर झामझोल
केसर भरियो बाटको, म्हारै प्रभु के अंग लिपटाय
अर्जुन...
# मल्ला सें मस्ती करी रामा प्रभु सें जोड्या हाथ
फेंटा बांध र कूदीया,पिछाड़िया चौगान
अर्जुन....
# झूठा हाथी भेजिया,प्रभु रंग भवन के मांय
मार तो मुक्ति करी प्रभु दिया पदारथ च्यार
अर्जुन...
# उठो माता देवकी थे करो आरतो त्यार
थांरी बेडयां छोड़ दी म्हे आया कंस पछाड़
अर्जुन....
# कुंण पिरावे काँचली रे जाया, कुंण दिखणी रो चीर
कुंण भरेलो मायरो,म्हारो जामण जायो बीर
अर्जुन...
# म्हे ही पीरावां कांचली ऐ माता,म्हे ही दिखण्या रो चीर
म्हे ही भराला मायरो,म्हानें ही समझो बीर
अर्जुन....
# थांने साले एकलो ऐ माता,म्हांने सातूं बीर
आठवीं धर्म की बेनड़ी ,बा चमके आबा बीच
अर्जुन....
# हाथ बीचे, कमल बीचे रामा सेंस रही लगाम
आप जिम्या प्रभु जिम्या,जिम्या है जादुराय
अर्जुन....
# गीता गावे,गङ्गा न्हावै, बास बेकुण्ठा रा पाय
गलियाँ का गया सुण, ज्यांरा पाप सरीरा जाय
अर्जुन....
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