मन्दिर जाती मीरां न संवरियो मिल गयो रे
गिरिधर जादू कर गयो रे
राणो मीरां ने समझावे,कांई हुयो थार क्यूँ ना बतावे
फीका पड़ गया नेंण,फरक बोली म पड़ गयो रे
गिरिधर....
आज मिल्या म्हांने गिरधारी, मन की बातां पूछी सारी
नैनां कर गयो च्यार,के दिल पे तालो जड़ गयो रे
गिरिधर....
राणो मीरां न समझावे, बड़ा घरां की रीत बतावे
कुळ के लागे दाग, पति जींवतड़ो ही मर गयो रे
गिरिधर...
श्यामसुंदर है पति हमारा,सारे जग का वो रखवारा
कहता राधेश्याम मीरां न मोहन मिल गयो रे
गिरिधर....
No comments:
Post a Comment