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Hamari bhi suno,he maat bhavani | हमारी भी सुनो,हे मात भवानी | Ambe maat ke bhajan

                              श्री
हमारी भी सुनो,हे मात भवानी
हम तेरे ही बच्चे हैं, जगत महाराणी
तेरा आसरा छोड़ के मैया, औऱ कहीं नहीं जाएंगे
भूखे प्यासे रहकर के भी तेरे ही गुण गाएंगे
पलक उघाड़ो देखो खड़े तेरे द्वारे माँ
कर दो दया की दृष्टि पड़े तेरे द्वारे माँ
चरणों में आये तेरे,मुसीबत के मारे माँ-2
कैसें हम गुणगान करें माँ, नहीं तेरे सें छानी
हमारी भी....
सिंह सवारी करती मैया, कैसी छटा निराली है
तूं ही शारदा, तूं ही लक्ष्मी,तूं ही तो महाकाली है
शुंभ-निशुम्भ जैसे तूँने संहारे माँ
रक्तबीज, महिषासुर को तूने ही मारे माँ
देवों के संकट सारे तूँने ही टारे माँ-2
तेरा यश है उज्ज्वल निर्मल,ज्यों गङ्गा का पानी
हमारी भी....
ब्रम्हा,विष्णु,शिवशंकर ने आदि शक्ति मानी है
जै जगदम्बे,जै जगदम्बे,वेद पुराण बखाणी है
शक्ति सें ही सेवा होवे,शक्ति सें ही मान है
शक्ति सें ही सारी रचना,शक्ति कल्याण है-2
बिन शक्ति के तीनों लोक में, रहा ना कोई प्राणी
हमारी भी....
कण कण में देखी है मैया,तेरी ज्योत सवाई है
भीड़ पड़ी भक्तों पर मैया दौड़ी दौड़ी आई है
हमारी पुकार सुनो,दरश दिखाओ माँ
आस लगाए बैठे,मत तरसाओ माँ
अब तो करो ना देरी,हिवड़े लगाओ माँ-2
देवकीनन्दन,कहे मात अब,कर दो महरबानी
हमारी भी...

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