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Aaj bhlaanyi sone ro suraj | आज भलांई सोने रो सूरज उगियो | badhawa

                                 श्री
आज भलांई सोने रो सूरज उगीयो
आय उतरिया,सुसराजी रा छावा बाग म
बाग रह्यो,घरणाय,भलांई...
आय उतरिया सासूजी र जाया चौक म
चौक रह्यो घरणाय,भलांई....
ऊंचा तो घालु म्हारै सैला मारू न बेसणा
दूध पखारुंली पांव,भलांई....
चावळ राँधू म्हारै सैला मारू  तांई ऊजला
हरिया मूँगा री जी डाळ, भलांई....
घी बरताऊ म्हारै हंजा मारु न टोकणा
असल जालापुर री खाँड़, भलांई....
पूड़ी तो पोवुं म्हारै सैला मारु तांई लळचली
तिंवणं तीस बतीस,भलांई.....
केर करेला म्हारै हंजा मारु तांई स तलूँ
पापड़ तलूँ रे पचास,भलांई....
गिद्दी तो ढालु म्हारै बाईसा र बीरा र रेशमी
फुलड़ा सूं जडयो रे बाजोट,भलांई....
थाळ परोस म्हारै सैला मारू र पदमणी
नेवर री झणकार, भलांई....
ऊंची तो मेड़ी म्हारै लँजा मारू रो ढोलियो
सुवा तो भरणी जी सेज़, भलांई.....
ढोलो न मारुणि गुण सायर ढोला पोढिया
लाल चूड़ो गळ बाँय,भलांई

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