श्री
राधा ऐसी भई श्याम की दीवानी,कि व्रज की कहानी हो गई
एक भोली भाली गांव की ग्वालिन,कि, पंडितों की बानी हो गई
1 राधा ना होती तो,वृन्दावन भी,वृन्दावन ना होता
कान्हा तो होते,बंशी भी होती,बंशी में प्राण ना होता
प्रेम की भाषा जानता ना कोई,
कन्हैया को योगी मानता ना कोई
बिना परिणय के वो प्रेम की पुजारिन
कान्हा की पटराणी हो गई,एक भोली भाली.....
2 राधा की पायल ना बजती तो मोहन,ऐसी ना रास रचाते
निन्दिया चुराके,मधुबन बुलाके,ऊँगली पे किसको नचाते
क्या ऐसी खुशबू चन्दन में होती,
क्या ऐसी मिश्री माखन में होती
थोड़ा सा माखन खिलाके वो ग्वालिन
अन्नपूर्णा सी दानी हो गई,राधा ऐसी.....
3 राधा ना होती तो,कुंजगली भी ऐसी निराली ना होती
राधा के नैना ना रोते तो यमुना,ऐसी काली ना होती
सावन तो होता,झूले भी होते,राधा के संग नटवर झूले ना होते
सारा जीवन लुटाके वो भिखारिन,धनिकों की राजरानी हो गई
राधा ऐसी .....
एक भोली भाली गांव की ग्वालिन,कि, पंडितों की बानी हो गई
1 राधा ना होती तो,वृन्दावन भी,वृन्दावन ना होता
कान्हा तो होते,बंशी भी होती,बंशी में प्राण ना होता
प्रेम की भाषा जानता ना कोई,
कन्हैया को योगी मानता ना कोई
बिना परिणय के वो प्रेम की पुजारिन
कान्हा की पटराणी हो गई,एक भोली भाली.....
2 राधा की पायल ना बजती तो मोहन,ऐसी ना रास रचाते
निन्दिया चुराके,मधुबन बुलाके,ऊँगली पे किसको नचाते
क्या ऐसी खुशबू चन्दन में होती,
क्या ऐसी मिश्री माखन में होती
थोड़ा सा माखन खिलाके वो ग्वालिन
अन्नपूर्णा सी दानी हो गई,राधा ऐसी.....
3 राधा ना होती तो,कुंजगली भी ऐसी निराली ना होती
राधा के नैना ना रोते तो यमुना,ऐसी काली ना होती
सावन तो होता,झूले भी होते,राधा के संग नटवर झूले ना होते
सारा जीवन लुटाके वो भिखारिन,धनिकों की राजरानी हो गई
राधा ऐसी .....
No comments:
Post a Comment