श्री
प्यारा नटराजा, थारे नचायो ही नाचूँ
म्हारा, गिरिधर लाल,थारे नचायो ही नाचूँ
1 थारे घर में रहूं निरन्तर,थारी हाट चलाऊँ
रामा, थांरे धन सूं, थांरे जन की,सेवा टहल बजाऊं
रे म्हारा नटवर लाल.....
2 ज्यां रंग का कपड़ा पहरावो,वैसो ही सांग बनाऊँ
रामा, जैसो बोल बुलाओ मुख सें, वैसी बात चलाऊँ
रे म्हारा गिरिधर लाल....
3 लुखो सुखो कुछ भी दे ड़ो,थारे भोग लगाऊं
रामा, खीर परोसो या,छाछ राबड़ी,सबड़ प्रेम सूं खाऊं
रे म्हारा नटवर लाल....
4 घर का प्राणी कियो नहीं माने,मन में खुशी मनाऊं
रामा , थारे इण मङ्गल विधान म, मैं क्यूं टांग अड़ावूं
रे म्हारा नटवरलाल.....
5 कोस हज़ार पकड़ ले ज्यावै,दोड़यो दोड़यो आऊं
रामा ,जो तुम आसन मार बिठावो,गोडो नांही हिलाऊँ
रे म्हारा नटवर लाल......
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