श्री
मुरली बाज रही,मधुबन में
बंशी बाज रही मधुबन में
1 सोय रही थी मैं तो,रंग महल में
सखी मेरे भनक,पड़ी कानन में
मुरली बाज....
2 लहंगों तो री मैंने, शीश पे ओडयो
सखी,मैंने चीर लपेट्यो तन पे
मुरली बाज.....
3 गजरा तो रे मैंने मस्तक डारयो
बिन्दिया डार लेइ,नैनन में
मुरली बाज...…
4 बिछिया तो री मैने कान में पहनी
सखी मैंने पायल पहनी गले में
मुरली बाज...
5 ऐसी बाजी मैं तो,घर सें भाजी
सखी मैं तो पहुंच गई,पल छिन में
मुरली बाज...
6 चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि
सखी मेरी प
मुरली बाज...
बंशी बाज रही मधुबन में
1 सोय रही थी मैं तो,रंग महल में
सखी मेरे भनक,पड़ी कानन में
मुरली बाज....
2 लहंगों तो री मैंने, शीश पे ओडयो
सखी,मैंने चीर लपेट्यो तन पे
मुरली बाज.....
3 गजरा तो रे मैंने मस्तक डारयो
बिन्दिया डार लेइ,नैनन में
मुरली बाज...…
4 बिछिया तो री मैने कान में पहनी
सखी मैंने पायल पहनी गले में
मुरली बाज...
5 ऐसी बाजी मैं तो,घर सें भाजी
सखी मैं तो पहुंच गई,पल छिन में
मुरली बाज...
6 चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि
सखी मेरी प
मुरली बाज...
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